
वात्सल्य ग्राम में बसे प्रत्येक परिवार में पाँच बालिकाएँ, दो बालक, एक माँ मौसी एवं नानी हैं, जो आपस में रक्त सम्बन्ध न होते हुए भी प्रेम और वात्सल्य की डोर से एक दूसरे से बंधे है। यहाँ पलने वाले सैकड़ों बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके, इसके लिए वात्सल्यग्राम परिसर में ही सम्विद गुरूकुलम् अन्तर्राष्ट्रीय विद्यालय, आनंद अनुभूति, क्रीड़ांगन, छात्रावास एवं संस्कार केन्द्र की स्थापना की गई है। इस प्रकार इस प्रेम और वात्सल्य की भूमि पर रहने वाले प्रत्येक शिशु का एक कर्मठ, अनुशासित एवं सक्षम नागरिक के रूप में विकास होता है।
वात्सल्यग्राम में स्थित अन्य प्रकल्पों में स्वस्ति चिकित्सालय- चिकित्सा के क्षेत्र में स्वस्ति चिकित्सालय ने लोगों के कष्टों को हरने का अनुकरणीय कार्य किया हैं। वात्सल्यग्राम के द्वारा नेत्र चिकित्सा शिविर एवं पोलियों आॅपरेशन शिविर जैसे अनेकानेक आयोजनों के माध्यम से हजारों लोगों को लाभान्वित किया हैं। सन्त निवास एवं मीरा माधव निलयम अतिथिगृह प्रमुख हैं जो मानव सेवा के लिए सदैव तत्पर हैं।
वात्सल्य ग्राम, वृन्दावन में निर्मित होने वाला समविद् गुरुकुलम् अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय गुरुकुल पद्धति पर आधारित है यहाँ सुसंस्कारित वातावरण, आध्यात्मिक मार्गदर्शन में रहकर आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा ग्रहण करेंगी। सुव्यवस्थित विद्यालय भवन, विज्ञान की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, कम्प्यूटर लैब, वीडियो तथा आॅंडियो उपकरणों की उन्नत श्रृंखला के साथ योगासन, व्यायाम एवं मानसिक दक्षता को बढ़ाने हेतु समय-समय पर आवश्यक प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन भी किया जाएगा।
वात्सल्य ग्राम में हजारों बेटियों की शिक्षा व्यवस्था एवं निवास हेतु आवासीय छात्रावास का निर्माणकार्य जारी है जिसके प्रथम चरण की इसी वर्ष जून या जुलाई माह तक पूर्ण होने की सम्भावना है।
वात्सल्य ग्राम, वृन्दावन में स्थित संस्कार केन्द्र ‘कृष्णा ब्रह्मरतन विद्या मंदिर’ में अभावग्रस्त, निर्धन एवं अक्षम परिवारों के बच्चों को समुचित निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ पुस्तकें, भोजन, अन्य सुविधाएं व उनके घरों से विद्यालय तक आने जाने की व्यवस्था भी की गई है।
दीदी माँ जी ने महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर वात्सल्य ग्राम के मातृ प्रशिक्षण केन्द्र में माताओं को शिशु पालन एवं ममतामयी आचरण एवं संस्कारपूर्ण पालन पोषण की शिक्षा की भी व्यवस्था की है। विश्व के सबसे बड़े दूरस्थ शिक्षा विश्वविद्यालय इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के सहयोग से वात्सल्यग्राम एवं ज्वालानगर में वात्सल्य वोकेशनल ट्रेनिंग सेन्टर कम्यूनिटी काॅलेज की स्थापना भी गई। यहाँ महिलाओं और बालिकाओं को विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं।
वात्सल्य ग्राम के द्वारा बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर अखिल भारतीय व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है।
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सीमा पर खड़ा प्रहरी जब अपनी आँखों में उदासी लिए अपनों के इन्तजार में रहता हैं तब वात्सल्यग्राम की नन्हीं बेटियां राष्ट्र रक्षा सूत्र बंधन यात्रा के जरिए अपना स्नेह सूत्र उनकी सूनी कलाईयों पर बांधकर प्रतिवर्ष उनको खुशी का अमूल्य उपहार देती हैं।
वहीं वनवासी समाज में राष्ट्रीय चेतना एवं शिक्षा के विकास के लिए दीदी माँ जी ने वात्सल्य गंगा अभियान के द्वारा हजारों बेटियों का आह्नान किया जो ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए इस पुनीत कार्य के सफल क्रियान्यवन में अपने जीवन को आहूत करने के लिए आगे आई हैं।
पूज्या दीदी माँ जी ने कन्या भू्रण हत्या के विरूद्ध देशवव्यापी जनजागरण अभियान प्रारम्भ किया। सम्पूर्ण भारत के विभिन्न लाखों महिलाएं लिखित रूप से संकल्पित हुई और इस अभियान को शक्ति प्रदान की। यह आंदोलन सम्पूर्ण देश में अनवरत जारी है।
इस गौरवशाली परंपरा में भारत के हृदयस्थल मध्य-प्रदेश की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में समविद् कन्या आवासीय विद्यालय की स्थापना के साथ ही सुन्दर योजना प्रारम्भ हुई। यहाँ वनवासी तथा ग्रामीण क्षेत्रों की ऐसी सैकड़ों बेटियाँ संस्कारयुक्त निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहीं हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ-साथ योग, खेलकूद, घुड़सवारी, तीरंदाजी, तैराकी व आत्मरक्षा की विभिन्न कलाओं से छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसी कड़ी में देवताओं की भूमि हिमाचल प्रदेश की पावन भूमि वात्सल्य की नारायणी धारा का अवतरण हुआ और नालागढ़ में युगचेतना वात्सल्य पीठ के नाम से वात्सल्य ग्राम की आधारशिला रखी गई। प्रकृति की गोद में बसाये जाने वाले इस गाँव के प्रथम चरण में बालकों हेतु एक विशाल आवासीय परिसर, अंतर्राष्ट्रीय स्तर का विद्यालय, देवालय एवं अतिथिगृह का निर्माणकार्य निर्बाद्य गति से चल रहा है।
सिजई परम पूज्य सद्गुरुदेव की कर्मभूमि है जहाँ उनके परिश्रम का पसीना बहा। दीदी माँ जी की उस क्षेत्र के प्रति बहुत ही श्रृद्धा दृष्टि रही है। वही पर (62) बासठ एकड़ की भूमि में वात्सल्य ग्राम का निर्माण कार्य दीदी माँ ने प्रारम्भ किया। वहाँ की हजारों बेटियाँ आवासीय विद्यालय में शिक्षा, संस्कार, वात्सल्य पाएं और अपने पैरों पर खड़ी हों।
भारत के दूरदराज क्षेत्रों में गरीबी एक दुखद पहलू है। सिजई जैसे क्षेत्रों में मातृशक्ति को चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी के चलते असीम कष्ट झेलना पड़ता है। उसके निवारण के लिए अमेरिका के कुछ प्रवासी बंधुओं एवं देशवासियों के सहयोग से एक मोबाइल अस्पताल की व्यवस्था करने का विचार है जिसमें अट्ठारह से बीस एम्बुलेंस हो तथा जो अत्याधुनिक चिकित्सकीय सुविधाओं से परिपूर्ण हो।
पूज्या दीदी माँ जी का स्वप्न है कि आने वाले कुछेक वर्षों में भारत के लगभग प्रत्येक प्रान्त में ऐसे वात्सल्य केन्द्रों की स्थापना हो। वृन्दावन, ओंकारेश्वर, नालागढ़, सिजई (म.प्र.) के बाद अब गुजरात में भी वात्सल्य ग्राम की आधारशिला रखी जा रही है। आगामी जुलाई माह में गुजरात में डाकोेर जी के पास 88 बीघा भूमि पर वात्सल्य ग्राम के शिलान्यास की योजना बन रही है।
एक निष्काम कर्म योगी के रूप में दीदी माँ जी की मानवसेवा यात्रा तीव्रतम् गति से जारी है। उनकी इस यात्रा में प्रतिदिन हजारों लोग जुड़ रहे है। सहयोग के हजारो हाथ उनके स्वप्न को साकार करने के सृजन में संलग्न हैं। वात्सल्य ग्राम के पावन उद्देश्यों के पूर्ण रूप से निर्वहन के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। आइये हर बच्चें एवं वृद्ध के चेहरे पर खिलखिलाहट लाने के हमारे इस पुनीत अभियान में खुले हृदय से सहयोग दीजिए।
सिजई परम पूज्य सद्गुरुदेव की कर्मभूमि है जहाँ उनके परिश्रम का पसीना बहा। दीदी माँ जी की उस क्षेत्र के प्रति बहुत ही श्रृद्धा दृष्टि रही है। वही पर (62) बासठ एकड़ की भूमि में वात्सल्य ग्राम का निर्माण कार्य दीदी माँ ने प्रारम्भ किया। वहाँ की हजारों बेटियाँ आवासीय विद्यालय में शिक्षा, संस्कार, वात्सल्य पाएं और अपने पैरों पर खड़ी हों।
भारत के दूरदराज क्षेत्रों में गरीबी एक दुखद पहलू है। सिजई जैसे क्षेत्रों में मातृशक्ति को चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी के चलते असीम कष्ट झेलना पड़ता है। उसके निवारण के लिए अमेरिका के कुछ प्रवासी बंधुओं एवं देशवासियों के सहयोग से एक मोबाइल अस्पताल की व्यवस्था करने का विचार है जिसमें अट्ठारह से बीस एम्बुलेंस हो तथा जो अत्याधुनिक चिकित्सकीय सुविधाओं से परिपूर्ण हो।
पूज्या दीदी माँ जी का स्वप्न है कि आने वाले कुछेक वर्षों में भारत के लगभग प्रत्येक प्रान्त में ऐसे वात्सल्य केन्द्रों की स्थापना हो। वृन्दावन, ओंकारेश्वर, नालागढ़, सिजई (म.प्र.) के बाद अब गुजरात में भी वात्सल्य ग्राम की आधारशिला रखी जा रही है। आगामी जुलाई माह में गुजरात में डाकोेर जी के पास 88 बीघा भूमि पर वात्सल्य ग्राम के शिलान्यास की योजना बन रही है।
एक निष्काम कर्म योगी के रूप में दीदी माँ जी की मानवसेवा यात्रा तीव्रतम् गति से जारी है। उनकी इस यात्रा में प्रतिदिन हजारों लोग जुड़ रहे है। सहयोग के हजारो हाथ उनके स्वप्न को साकार करने के सृजन में संलग्न हैं। वात्सल्य ग्राम के पावन उद्देश्यों के पूर्ण रूप से निर्वहन के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। आइये हर बच्चें एवं वृद्ध के चेहरे पर खिलखिलाहट लाने के हमारे इस पुनीत अभियान में खुले हृदय से सहयोग दीजिए।
पोलियो
पोलियो ग्रसित लोगों के जीवन में रंग भरने के लिए एवं पोलियो ग्रस्त बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा करके सर उठा कर चलने में सक्षम बनाने के लिए परम शक्ति पीठ द्वारा, परम पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी की सत्प्रेरणा से निःशुल्क शल्य चिकित्सा की जा रही है।
अपने पोलियो ग्रस्त बच्चों की निःशुल्क शल्य चिकित्सा हेतु सम्पर्क करें- वात्सल्य ग्राम, मथुरा वृन्दावन मार्ग, पोस्ट-प्रेम नगर, वृन्दावन-281003 उ.प्र., मो - 09999971714, 08826888002
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