वात्सल्य ग्राम की गौशाला में जन्में इस नन्हें नवजात बछड़े को देखकर सहसा ही आपका दुलार फूट पड़ा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कत्लखानों में भोर की पहली किरण के साथ जाने कितनी गौमाताओं को दर्दनाक तरीके से मारने के बाद उनके ऐसे ही सुकोमल गर्भस्थ बछड़ों को मारकर उनकी खाल निकाली जाती है ताकि उनके मुलायम चमड़े द्वारा पर्स या बेल्ट जैसी अनेक वस्तुएं बनाकर ऊँचे दामों पर बेची जा सकें। केवल वही गौवंश इस बर्बरता का शिकार होने से बच पाता है जिनकी देखभाल गौशालाएं कर रही हैं। ‘श्री कामधेनु गौगृह’ एक ऐसी ही सुन्दर गौशाला है जहाँ पूज्या दीदी माँ जी के मार्गदर्शन में 20 प्रकार की भारतीय नस्लों की गायों के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य चल रहा है। आप भी इस पुण्यकार्य में अपना सहयोग प्रदानकर गौवंश की रक्षा में योगदान दे सकते हैं।