Monday, 4 November 2013

राहत की राह से खुशियों की ओर लौटता जीवन

अलकनंदा और मंदाकिनी की धार टूट चुके घरों और दिलों को वात्सल्य की धारा ने संभाला। दीदी माँ जी के आव्हान पर समाज बंधुओं ने सहयोग दिया और उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग एवं गुप्तकाशी में ‘वात्सल्य सेवा केन्द्रों’ का संचालन आरंभ हुआ। उद्देश्य था आपदा प्रभावितों को हरसंभव सहायता पहुँचाना, अपनों को खो चुकने के दर्द से उन्हें उबारना, निराश्रित बच्चों को सहारा देना, अकेली रह गई बहनों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वाभिमानपूर्ण स्वावलंबी जीवन देना।

वात्सल्य सेवा केन्द्रों द्वारा हो रहे सेवा कार्यों कि एक झलक
  • उत्तराखंड आपदा पीडि़तों के सहायतार्थ परमशक्ति पीठ द्वारा रूद्रप्रयाग जिले के दो स्थानों ऊखीमठ तथा फाटा में ‘वात्सल्य सेवा केंद्रों’ की स्थापना की गई है।
  •  दो प्रोजेक्ट कार्यालय व राहत सामग्री केंद्र स्थापित किये गए।
  •  आपदा प्रभावित परिवारों के लगभग सौ से अधिक बच्चों को फाटा के ‘वात्सल्य सेवा केंद्र’ में लाया गया, जहां इनके रहने तथा विद्यालयों में जाने की व्यवस्था है। साथ ही 100 से अधिक बच्चों कोे रजिस्ट्रेशन हेतु नामांकित किया गया है।
  •  त्रासदी के शिकार लगभग 42 बच्चों को ऊखीमठ के वात्सल्य सेवा केंद्र में लाया गया साथ ही 50 से अधिक बच्चों के रजिस्ट्रेशन हेतु नामांकित किया गया है।
  •  आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों के लगभग 70 बच्चों को ‘वात्सल्य छात्रवृति’ हेतु चयनित किया गया। इस हेतु अन्य 150 बच्चों को भी नामांकित किया गया है।
  •  आपदा प्रभावित परिवारों के महिलाओं को स्वरोजगार प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए रूद्रप्रयाग और आसपास लगभग 10 ‘वात्सल्य स्वावलम्बन प्रशिक्षण केंद्रों’ की स्थापना। इनके माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार में सहायता मिलेगी।
  •  ग्राम बडासू, रामपुर तथा त्रियुगी नारायण के वात्सल्य स्वावलम्बन प्रशिक्षण केन्द्रों पर सिलाई मशीनें (सभी आवश्यक सामग्री के साथ) में उपलब्ध कराई गईं।
  •  वात्सल्य सेवा केंद्रों द्वारा 20 स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
  •  वात्सल्य सेवा केन्द्रों के प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की पे्ररणा से कई विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक स्थानीय प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया और कुछ आगामी प्रतियोगिता के लिए चयनित भी हुए हैं।
  •  आगामी समय में उत्तराखण्ड के लगभग 10 से अधिक अन्य स्थानों पर भी ‘वात्सल्य स्वावलम्बन प्रशिक्षण केन्द्रों’ की स्थापना की योजना है।